
संयमित खानपान और सुसंस्कृत जीवन ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है –डॉ मंजू शुक्ला
पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।
बगहा। 21वीं वाहिनी के कमांडेंट तपेश्वर सबित राउत के दिशा-निर्देश में 21वीं वाहिनी के मुख्यालय में करें योग रहें निरोग रहे के थीम पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हुआ। जिसकी अध्यक्षता संदीक्षा अध्यक्ष कुसुम राउत ने की ।इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर मंजू शुक्ला उपस्थिति रही ।वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में कथा वाचिका नारायणी त्रिपाठी और नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव निप्पू कुमार पाठक उपस्थित रहे ।सर्वप्रथम तपेश्वर संबित राउत कमांडेंट 21वीं वाहिनी और संदीक्षा अध्यक्ष कुसुम राउत ने डॉ.मंजू शुक्ला और कथा वाचिका नारायणी त्रिपाठी को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किए ।तत्पश्चात कमांडेंट ने निप्पू कुमार पाठक को भी अंग वस्त्र से सम्मानित किए । स्वास्थ्य रक्षा के निमित्त आयोजित इस कार्यक्रम में नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के तरफ से डॉक्टर मैडम मंजू शुक्ला और कथा वाचिका नारायणी को चंपा फूल और नाशपाती का पौधा समर्पित किया गया।संदीक्षा सदस्यों में आध्यात्मिक सूझबूझ से मन को शांत रखने और स्वास्थ्य को ठीक रखने हेतु आयोजित चिकित्सा व मानसिक स्वास्थ्य शिविर में महिलाएं अपने स्वास्थ्य की रक्षा कैसे कर सकती है ? पर संदीक्षा सदस्यों का ध्यान आकृष्ट किया गया।इसके के अलावा महिलाओं मे होने वाली तमाम रोगों के बारे में गायनी स्पेशलिस्ट डॉक्टर मंजू शुक्ला ने विस्तार से चर्चा की । शुक्ला ने बताया कि महिलाएं जानकारी के अभाव में बहुत से बीमारियों की शिकार हो जाती है।अतः उनको जानकारी साझा करनी चाहिए। समय-समय पर डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। डॉक्टर मंजू शुक्ला ने महिलाओं से विस्तृत बातचीत की। पीरियड्स के दौरान या अन्य तरह की तकलीफों के बारे में उन्होंने उन्हें समझाया और हेल्थ टिप्स दीं।इसके बाद आध्यात्मिक सत्र का संचालन हुआ। कथा वाचिका नारायणी त्रिपाठी ने मन को शांत रखने और चित को स्थिर रखने के लिए रामायण का पाठ करने के लिए कहा ।यदि आप नहीं कर सकते तो कम से कम हनुमान चालीसा का ही पाठ करें। इसके लिए आग्रह की। रामायण का प्रसंग सुनाते हुए कथावाचिका नारायणी ने कहा कि सेवा का प्रारंभ प्रणाम से होता है। हमें अपने माता-पिता, सास- ससुर और बड़ों को प्रणाम करना चाहिए। उनकी सेवा करनी चाहिए ।यह भी भगवान की सेवा है। उन्होंने माता पार्वती जी की माता मैना और सीता जी माता सुनैना का उदाहरण देते हुए कहा कि एक सच्ची व संस्कारवान माता ही अपने बच्चों में सच्चा संस्कार भर सकती है । जब हम संस्कारवान होंगे। तभी हमारे बच्चे संस्कारवान होंगे। अतः संस्कार की प्रथम पाठशाला परिवार है ।कमांडेंट ने उपस्थित सभी अतिथियों व संदीक्षा परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि डाक्टर मैडम द्वारा दिए गए स्वास्थ्य टिप्स व संदेश संदीक्षा परिवार को स्वस्थ्य रहने में कारगर साबित होगा। आपसभी ने अपना बहुमूल्य समय दिए इसके लिए आपसभी का आभार। नैतिक जागरण मंच वेलफेयर ट्रस्ट के सचिव निप्पू कुमार पाठक ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य है। यह पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। अपितु इस पर ध्यान देकर इसकी रक्षा की जा सकती है। सदाचार व उचित आहार पर स्वास्थ्य टिका हुआ है ।इसीलिए उचित और स्वास्थ्कर भोजन लेना चाहिए। संदीक्षा अध्यक्ष कुसुम राउत ने शुद्ध आहार और सुंदर विचार को स्वस्थ रहने के लिए कारगर उपाय बताईं।उन्होंने कहा कि मन को शुद्ध करके तन को पवित्र रखा जा सकता है ।मंच का संचालन संदीक्षा की गरिमा जयसवाल ने किया। अंत मे संदीक्षा अध्यक्ष कुसुम राउत के धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ।