
संजय पांडेय वाल्मीकीनगर पश्चिमी चंपारण।
वाल्मीकीनगर 12 सितंबर।गंडक नदी के कटाव से ठाढ़ी वन क्षेत्र का बड़ा भूभाग गंडक में विलीन होने के कगार पर पहुंच गया है।कटाव बढ़ने से वन्यजीवो पर खतरा भी बढ़ सकता है। वन विभाग के सूत्रो के मुताबिक दर्जनों कीमती पेड़ों के भी नदी में बहने की आशंका है। जिसको लेकर गुरुवार को बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल बगहा और वन विभाग के रेंजर ने कटाव स्थल का निरीक्षण किया।थाना क्षेत्र के ठाढ़ी गांव के समीप लगभग एक किलोमीटर लम्बाई में गंडक नदी के द्वारा कटाव किया गया है। इस संदर्भ में अंचल कार्यालय जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता नवल किशोर भारती ने बताया कि वीटीआर को स्पर्श कर बहती गंडक नदी से वन क्षेत्र के जंगल का कटाव किया गया है। नदी की धारा वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र के ठाढी गांव के समीप पूर्व में कटाव हुआ है। वीटीआर को सबसे अधिक खतरा गंडक नदी से ही है। वहीं वन विभाग के अधिकारियो का कहना है कि कटाव रोधी कार्य नहीं कराया गया तो वन क्षेत्र का बड़ा भूभाग गंडक में विलीन हो सकता है। वन विभाग के द्वारा कटाव रोधी कार्य के लिए जल संसाधन विभाग को पत्र लिखा है। इस बाबत गंडक बराज अंचल के अधीक्षण अभियंता नवल किशोर भारती ने बताया कि गंडक बराज के डाउन स्ट्रीम में फिलहाल जलस्राव बहुत कम है। जिससे फिलहाल कटाव की संभावना नहीं है। बावजूद इसके कर्मियो के द्वारा कटाव स्थल का निरीक्षण किया गया हैं। बरसात के बाद वन विभाग के द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के पश्चात कटाव रोधी कार्य प्रारंभ किया जाएगा।