संजय प्रसाद वाल्मीकिनगर पश्चिमी चम्पारण।
विश्व आर्द्र भूमि दिवस के उपलक्ष में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर रेंज के गंडक नदी क्षेत्र एवं दरूआबरी वन क्षेत्र में पश्चिमी चंपारण में 31 जनवरी से शुरू एशियन जलीय पक्षी पहचान एवं गणना का शुरुआत भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूटीआई) एवं विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यू डब्ल्यू एफ) के संयुक्त टीम द्वारा शुरू कर दिया गया। अभियान का समापन उदयपुर एवं लाल सरैया मन में गणना एवं पहचान के बाद आज 3 फरवरी को कर दिया जाएगा। इस बाबत जानकारी देते हुए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के कमलेश मौर्य ने बताया कि यह अभियान पूरे बिहार में चलाया जा रहा है। लेकिन चंपारण में उदयपुर, लाल सरैया, वीटीआर का दरूआबारी क्षेत्र में 3 फरवरी को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एशियन जलीय पक्षी एवं प्रवासी पक्षियों की पहचान कर उनके रखरखाव में क्या किया जा सकता है, एवं कैसे उनका बेहतर संरक्षण कर सकते हैं, इस पर विभाग द्वारा काम किया जाएगा। पहचान एवं संरक्षण के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एवं डब्ल्यूटीआई द्वारा वन विभाग में कार्यरत नेचर गाइडों को शामिल किया गया है। क्योंकि पर्यटकों को समझाने एवं पक्षियों के प्रजाति को बताने में नेचर गाइडों का अहम भूमिका हो सकता है। वाल्मीकिनगर रेंज में शुक्रवार को दो टीमों ने विश्व आर्द्र भूमि दिवस पर एशियन जलीय पक्षी एवं अन्य प्रजाति के पक्षियों की गणना एवं पहचान के लिए काम किया। एक टीम गंडक नदी क्षेत्र में काम किया तो दूसरा दरुआबरी क्षेत्र में इस काम को पूर्ण रूप से निर्वहन किया। इस टीम में मुख्य रूप से डब्ल्यू टी आई के अक्षय जैन, फील्ड बायोलॉजिस्ट सौरभ वर्मा, सुब्रत बेहरा, एसीएफ शुभलक्ष्मी, बगहा रेंजर सुनील कुमार , डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के सांई कृष्णा, वन विभाग के चिकित्सक मनोज कुमार टोनी प्रकृति प्रेमी मनोज कुमार व अजय झा शामिल थे।