सँजय प्रसाद वाल्मीकिनगर पश्चिमी चम्पारण।
बिहार के दानापुर शहर से वाल्मीकिनगर भ्रमण पर आए पंजाबी दंपति ने स्वयं गंडक नदी के बेलवा घाट पर लजीज भोजन बना स्वाद चखा और प्रकृति का आनंद लिया। लजीज भोजन का स्वाद चखने के बाद मूल रूप से पंजाब के रहने वाले चरणजीत सिंह एंड फैमिली ने गंडक नदी में राफ्टिंग पर बैठ जल जंगल पहाड़ का दीदार किया। वाल्मीकिनगर आने के बाबत पूछे जाने पर चरणजीत सिंह एवं उनकी पत्नी सिमरत कौर ने बताया कि वाल्मीकिनगर में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनका विकास करना बहुत जरूरी है। चरणजीत सिंह ने बताया कि वाल्मीकि आश्रम उपेक्षा का शिकार हो रहा है। बिहार सरकार को चाहिए कि नेपाल सरकार से इस बाबत वार्ता कर वाल्मीकि आश्रम का विकास कराए। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि प्रधान राज्य है। पंजाब में ऐसे पेड़ पौधे देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन बिहार का पश्चिमी चंपारण का वाल्मीकिनगर आने के बाद कश्मीर की याद आने लगती है। हम लोग लगभग 30 वर्षों से पंजाब से आकर बिहार के दानापुर में अपना स्व रोजगार करते हैं। वाल्मीकिनगर का नाम सुना था, लेकिन यहां आने के बाद मन प्रसन्न हो गया।