
पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।
गुरुजी )भाग – 5
लग्नस्थ मंगल का फल- लग्न से सम्बन्धित जैसे शरीर, वर्ण, आकृति, वुद्धि, लक्षण, यश, मान, गुणत्व, विवेक, शक्ति, सुख, दुःख, प्रवास, तेज, जन जीवनीय विवेक, प्रारब्ध योग जिज्ञासा, मस्तिष्क स्वभाव, प्रतिष्ठा, आयु, शरीर चिह्न, वर्णादि, निद्रा, दादी, स्त्री का दादा, इत्यादि लग्न से विचार किया जाता है ।
यदि मंगल लग्न में हो तो क्रोधी प्रवृत्ति शारीरिक उष्णता, रक्त विकार दुर्घटना, मानसिक उष्णता स्वास्थ्य प्रभावित लग्नस्थ मंगल स्थित होने से चतुर्थ, सप्तम, एवं अष्टम भाव पर पूर्ण दृष्टि होती है । जिससे स्वास्थ्य घर सम्पत्ति तथा आयु इत्यादि में भी कुप्रभाव पड़ता है । अतः जातक को लग्नस्थ मंगल का पूर्ण प्रभाव पड़ता है ।
यदि मंगल क्षीण चन्द्रमा या निर्बल शुक्र के साथ स्थित हो तो भी उपरोक्त प्रकार से विषमताएँ उत्पन्न करता है । परन्तु ढुण्डिराजदैवज्ञ के अनुसार लग्न में मंगल हो तो मनुष्य को मतिभ्रम, शरीर में रोग, साहस, उग्रता और यत्र – तत्र आना जाना होता है ।
अतिमतिभ्रमतां च कलेवरं क्षतयुतं बहुसाहसमुग्रताम् ।
तनुभृतां कुरूते तनुसंस्थितोऽवनिसुतो गमनागमनानि च ।।
जिसके लग्न में मंगल हो, व्यक्ति जीवन भर युवा होने का भ्रम बनाए रखता है. मंगल पर अगर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ जाए, तो ग्रह की क्रूरता कम हो जाती है और शुभ ग्रहों के प्रभाव उसके शुभत्व में बढ़ोतरी कर देते हैं। पाप ग्रहों के प्रभाव से उसकी क्रूरता और बढ़ जाती है। मंगल ग्रह को बलशाली बनाए रखना जातक के लिए उत्तम है। यदि वह शुभ प्रभाव दे रहा हो, तो इससे उसकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती हैं। लग्न भाव में स्थित मंगल ग्रह आपको अद्भुत साहसी बनाता है। ऐसी हालत में कभी-कभी आपको दुस्साहसी होते हुए भी देखा जा सकता है। आपको किसी भी प्रकार के दबाव रहना पसंद नहीं है। आप एक मुखर व्यक्ति हैं, जो भी मन में आता है बोलने से नहीं चूकते। आपको शारीरिक तौर पर भी काफी मजबूत होना चाहिए। लेकिन मंगल ग्रह की यह स्थिति कभी-कभी सिर दर्द और दुर्घटनाएं भी करवाती है।
आपकी मां का स्वभाव कुछ हद तक गुस्सैल और रूखा हो सकता है। लेकिन वो काफी सक्रिय और पदासीन हो सकती हैं। आपके छोटे भाई बहन भी जीवन शैली में अच्छी तरह व्यवस्थित होंगे लेकिन अपने बच्चों को लेकर कुछ हद तक परेशान रह सकते हैं। आपके बडे भाई-बहन भी पूरी तरह से व्यवस्थित होंगे लेकिन छोटे भाई बहनों से उनके सम्बंध खराब रह सकते हैं।
आपको आपके शत्रुओं द्वारा कुछ हद तक परेशानी रह सकती है। आपको हमेशा सच बोलने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। आप हमेशा अपनी उम्र से कम उम्र के दिखेंगे। आपके चेहरे पर लालिमा रहेगी। हो सकता है कि आपके जीवनसाथी के साथ आपके संबंध बहुत अच्छे न रहें। आपको अक्सर बुखार के कारण परेशानी रह सकती है। सेना, चिकित्सक या इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप की अच्छी खासी रुचि होगी।
ज्योतिष में मंगल एक क्रूर ग्रह है। मनुष्य जीवन के लिए यह बड़ा प्रभावकारी ग्रह है। मंगल दोष के कारण लोगों के विवाह में कठिनाई आती है। इसके हमारी जन्म कुंडली में स्थित सभी 12 भावों में इसका प्रभाव भिन्न होता है।