
संजय प्रसाद संवाददाता वाल्मीकिनगर प.चम्पारण।
महर्षि वाल्मीकि के तपोभूमि , माता सीता के तप स्थल,लव कुश की जन्म भूमि एवं बिहार का एकमात्र दर्शनीय स्थल वाल्मीकिनगर में शनिवार की सुबह शिव भक्तों की एक टोली महाशिवरात्रि के अवसर पर गंगा स्नान एवं जल भरने के लिए वाल्मीकिनगर पहुंचा। उत्तर प्रदेश के कप्तानगंज कुशीनगर खड्डा,पडरौना एवं बिहार के रामगढ़वा फूलवार,घोड़ासहन,पचपकड़ी ढाका से पहुंचे लगभग 100 की संख्या में शिव भक्तों ने हर-हर गंगे की जय घोष से पूरे वाल्मीकिनगर को गूंजायमान कर दिया था। शनिवार की सुबह शिव भक्तों ने गंडक नदी के संगम तट कौलेश्वर घाट पर डुबकी लगा जल भरा। जल भरने के पश्चात शिव भक्तों ने गंडक नदी के किनारे जल का पूजन कर परिक्रमा किया और शिव की लाचारी गाकर वाल्मीकिनगर भ्रमण पर आए सैलानियों का मन मोह लिया। रामगढ़वा से आए शिव भक्त बसंत दूबे ने बताया कि महा शिवरात्रि पर स्नान करने के आने वाले शिव भक्तों को पंडा कहा जाता है।एक ग्रुप में 25 की संख्या में पुरुष एवं महिला पंडा को रखा जाता है।इस ग्रुप को संचालित करने के लिए पंडा में से एक खजांती,एक जमादार, सिपाही एवं विचारी का चयन होता है।कमिटी में शामिल सदस्यों के दिशा निर्देश का पालन सभी को करना पड़ता है।अगर भुल से कोई गल्ती कर देता है तो उसे समिति के अधिकारी दंड भरवाते हैं।शिव भक्तों ने बताया कि सबसे पहले अरेराज धाम में विराजमान भगवान सोमेश्वर नाथ का जलाभिषेक कर अपने अपने मंदिरों में जलाभिषेक किया जाएगा।