संजय प्रसाद वाल्मीकिनगर पश्चिमी चंपारण।वाल्मिकीनगर से लेकर नेपाल के तराई क्षेत्र में रविवार की सुबह 11 बजे से धूप निकलने के बाद शुरू हुई बारिश ने एक बार कपकपाती हुई ठंड को बढ़ा दिया है। रविवार की सुबह जब भगवान भास्कर ने दर्शन दिया, तब ऐसा प्रतीत हुआ कि रात की ठंड से दिन में राहत मिलेगी। लेकिन अचानक सूर्य देव के विलुप्त हो जाने के बाद अंधेरा छा गया और बूंदाबांदी शुरू हो गई जिससे ठंड का प्रकोप फिर से बढ़ गया। वाल्मीकिनगर स्थित मौसम विज्ञान विभाग केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल की तराई क्षेत्र सहित भारतीय सीमा में दोपहर तक 3 एमएम बारिश दर्ज की गई है।बारिश से किसान हुए खुश-: मौसम के बदलते मिजाज के साथ हुई बारिश से किसानों को फायदा पहुंचा है। गेहूं एवं तेलहन के फसलों को इससे काफी फायदा पहुंचेगा। अगर अगले 24 घंटे तक ऐसे ही बारिश होती रही तो किसान आर्थिक नुकसान से बच जाएंगे। कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर विनय सिंह ने बताया कि इस बारिश से सबसे ज्यादा फायदा गेहूं और तेलहन फसल को होने वाला है। बारिश समाप्त होते ही फसलों में यूरिया खाद दिया जा सकता है।
मौनी अमावस्या मेल पर पड़ सकता है विपरीत असर-: बे मौसम बारिश होने के बाद आगामी 9 फरवरी से वाल्मीकि नगर में लगने वाला मौनी अमावस्या गंगा स्नान पर विपरीत असर पड़ सकता है। बारिश के कारण दूर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में काफी कमी आएगी। उत्तर प्रदेश एवं बिहार के अन्य जिलों से आए भारी संख्या में व्यापारियों के व्यापार पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। हालांकि खराब मौसम के बावजूद वाल्मीकिनगर पहुंचे व्यापारियों के द्वारा अपनी अपनी दुकानें सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।