हरतालिका तीज व्रत पर महिलाओं ने सुनी कथा, भगवान शिव पार्वती की बने प्रेरणास्रोत

 

 

………24 घंटे उपवास रखना महिलाओं के लिए सुखद अनुभव।

 

 

…… माता पार्वती भगवान शिव को सात जन्मों तक पति के रूप में प्राप्ति हेतु उपवास रहकर तीज व्रत किया था।

नरेंद्र पांडेय बगहा पश्चिमी चंपारण।

बगहा 06 सितम्बर। सनातन धर्म संस्कृति में हरतालिका व्रत कथा साहित्य का अपना एक विशेष अलग महत्व है। भारत की हिंदू समाज की नारी अपने पति को सात जन्मों तक एक साथ जीने मरने की कसम विवाहोप्रांत सात फेरे में संकल्प के दौरान लिया जाता रहा है। इस दौरान बगहा पिपरिया बेलवा डुमरिया मेहुडा सिंगाड़ी चौतरवा भैरोगंज समेत सैकड़ों गांवों में शुक्रवार को हरितालिका व्रत कथा महिलाओं ने उपवास रहकर सुनी। वहीं महिलाओं ने अपनी बेहतर जिंदगी जीने के साथ अपने पति की सलामती में वर्षों से न्योछावर करने वाली व्रत वर्षों से निभातीं आ रहीं हैं। इसी कड़ी में बेलवा डुमरिया निवासी महिला भक्त मीरा देवी, सरिता देवी, ब्यूटी देवी तथा गोल्डी देवी ने भगवान शिव पार्वती तथा गणेश जी की मिट्टी से बनाई गई मूर्ति के पूजन बड़े धूम धाम से मंत्रोचारण के बीच फल फूल केला सेवा मिस्ठान आदि मौजूद संसाधनों के साथ किया। जिसमें हरितालिका व्रत कथा महिलाओं ने सुनी तथा भगवान शिव पार्वती जी की आराधना करते हुए भक्ति भाव से संगीत का आयोजन किया गया।

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