सर्वश्रेष्ठ,छठ महापर्व का चमत्कार -पं-भरत उपाध्याय

पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।

मधुबनी 8 नंबर।एक ऐसा त्यौहार- कोई दंगा नहीं!,इंटरनेट कनेक्शन,नहीं काटा जाता,किसी शांति समिति की बैठक कराने की जरुरत नहीं पड़ती

*चंदे के नाम* *पर गुंडा गर्दी नहीं होती*और जबरन उगाही भी*नहीं ! शराब की दुकाने बंद*रखने का नोटिस नहीं*चिपकाना पड़ता!*

*मिठाई के नाम* *पर मिलावट नहीं परोसी*जाती है!*

*ऊंच – नीच का*भेद नहीं होता व्यक्ति-धर्म*विशेष के जयकारे*नहीं लगाते, किसी से*अनुदान और अनुकम्पा की*अपेक्षा नहीं रहती है, राजा*रंक एक कतार में खड़े* *होते हैं, समझ से परे रहने* *वाले मंत्रो का उच्चारण* *नहीं होता और दान* *दक्षिणा का रिवाज नहीं है । **

*एक ऐसी पूजा जिसमें कोई* *पुजारी नहीं होता,*

*जिसमें देवता प्रत्यक्ष हैं*

*जिसमें ढूबते सूर्य को भी पूजते हैं,*जिसमें व्रती जाति समुदाय से परे हैं।*

*जिसमें केवल लोक गीत गाते हैं,*जिसमें पकवान घर पर बनते हैं*जिसमें घाटों पर कोई ऊँच नीच नहीं है,*जिसमें प्रसाद अमीर गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।*

*जिसमे प्रकृति संरक्षण का बोध होता है*जिसमे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिलती हो*ऐसे सामाजिक सौहार्द, सद्भाव, शांति, समृद्धि और सादगी के महापर्व छठ की सबसे बड़ी कृपा, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की अपार सफलता को है,एक ओर जहां छठ व्रतियों द्वारा श्रद्धा से रुनकी झुनकी बेटी की कामना किया जाता है, वहीं दूसरी ओर भ्रूण हत्या करने वाले,जो कोख में ही बेटी को मार दिया करते थे। ऐसे समाज के लिए बहुत बड़ा संदेश देता है यह महान पर्व।*

*🌷 गुरुजी 🌷*

Leave a Comment