सँजय प्रसाद वाल्मिकीनगर पश्चिमी चंपारण।
वाल्मीकिनगर थाना के हवाई अड्डा चौक पर सोमवार की दोपहर सबसे जहरीला रसल वाइपर का वनकर्मियों ने रेस्क्यू कर वन कक्ष संख्या टी 1 जटाशंकर वन परिसर में छोड़ दिया। इस विषधर के काटने से एक वन कर्मी की पत्नी तीन महीने बाद ठीक हुई।जिसका इलाज झारखंड में चल रहा था।इस विषैले सर्प के विष से मानव शरीर में ब्लड यूरिया लगातार बढ़ने लगता है। साथ हीं किडनी पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इस बाबत जानकारी देते हुए नेचर एनवायरमेंट वाइल्डलाइफ सोसायटी (न्यूज) के क्षेत्र निदेशक अभिषेक ने बताया कि इस सर्प में विष का सबसे बड़ा दंत पाया जाता है। यह बहुत ही खतरनाक प्रजाति का सर्प है। इसके आगे आने पर ही यह किसी पर वार कर सकता है। इससे पीछे मुड़ा नहीं जाता। रेस्क्यू अभियान में वनकर्मी अमरेश कुमार, विजय कुमार गुप्ता, मणि भूषण कुमार शामिल रहे।