पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।
बगहा 16 अक्टूबर।जिंदगी में अपने पैर जरा सोच समझकर , जमाकर रखें वर्ना जरा सा डगमगाने पर भी सन्सार के इंसान हंसने को तैयार बैठे हैं ।
जब भी सन्सार में किसी इंसान के पैर डगमगाते है या वह गिरता है तो दूसरे कम अपने ही ज्यादा हंसते हैं ।संसार में जब भी कोई नदी बहती है तो उसके पास कोई भी नक्शा नही होता है फ़िर भी वह काफी अवरोधों को तोड़कर अपनी मंजिल समुद्र तक पहुंच ही जाती है । ठीक वैसे ही इंसान को जीवन मे मंजिल तक पहुंचने में काफ़ी परेशानी होती हैं लेकिन एक दिन सफलता जरूर मिल जाती है । इसलिए इंसान को जिंदगी में काफ़ी सोच समझकर चलना चाहिए ।_
जीवन में जिस इंसान ने अपना एक उद्देश्य चुन लिया हो तो फ़िर उसे सफलता मिल जाती है या हारने पर तजुर्बा । इंसान को जीवन में हर हमेशा धैर्य रखना चाहिए और मालिक पर पूर्ण विश्वास ।