पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।
बगहा मधुबनी 6 नवंबर। राजकीय कृत हरदेव प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज मधुबनी के पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने छठ पर्व की पूर्व संध्या पर वृक्षारोपण करते हुए कहा कि -प्राकृतिक पर्व छठ हमारी वसुधैव कुटुम्बकम् की सांस्कृतिक पहचान है।भारतीय संस्कृति में देखा जाए तो प्रतिदिन कोई न कोई दिवस, पर्व, त्योहार है। ये पर्व कहीं बड़े पैमाने पर तो कहीं छोटे स्तर पर मनाये जाते हैं। विविधताओं से भरा हमारा देश पूरे विश्व में सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बिंदु है। हमारे पर्व-त्योहार एक दूसरे को जोड़ने वाले हैं।इन सब में एक चीज खास है कि हमारे जीवन में उमंग, उल्लास भरपूर बना रहता है, तथा व्यक्ति, परिवार, समाज को जोड़ने का नाम है छठ महापर्व!जो लोग इन त्योहारों पर कटाक्ष करते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि हस्तशिल्प कला, माटीकला, काष्ठ कला, चित्र कला,बांस व मूंजा से बनने वाले सामानों के बिक्री का प्रमुख माध्यम ये त्योहार ही हैं। त्योहार अर्थव्यवस्था को प्रगति देते हैं। ऐसे त्योहारों से बाजार समृद्ध होते हैं। पारिवारिक सुख समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए छठ पर्व मनाया जाता है।
इस अवसर पर, संजय मिश्रा, नीरज कुमार पाण्डेय, आदित्य उपाध्याय भी उपस्थित थे।