काली बाग मंदिर प्रांगण में साधु संत सम्मेलन का हुआ आयोजन

 

पंचानन सिंह बगहा पश्चिमी चंपारण।

बेतिया।काली बाग मंदिर प्रांगण में साधु संत सम्मेलन का आयोजन धर्म जागरण के जिला संरक्षक राहुल कुमार की अध्यक्षता में किया गया। उन्होंने कहा कि यह साधु संत सम्मेलन हमारे क्षेत्र में धार्मिक जागरूकता और आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गौरव महसूस करने का अवसर प्रदान करता है। इस सम्मेलन में सम्मिलित होकर सभी साधु संत हमारे जीवन में मार्गदर्शन और प्रेरणा देने का काम किया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न स्थानों से आए साधु संतों ने भाग लिया , जो चंपारण के लिए एक गौरव की बात है। इतने सारे साधु संतों का काली बाग मंदिर प्रांगण में एकत्रित होना हमारे समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक है।इस सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।

सम्मेलन में उपस्थित श्री श्री श्री 108 श्री महा त्यागी भागवत दास फलाहारी बाबा ने कहा कि सनातन बचाना है तो आगे आना पड़ेगा। आगे आने के लिए सब कुछ ढूढना होगा पीछे। मठ मंदिर को बचाने के लिए हिंदू धर्म को बचाने के लिए सनातन को बचाने के लिए अपने शरीर में एक भूमिका लाना पड़ेगा। भगवान को पूजा पाठ करने का समय आपका आ गया है।जब तक साधु संत आगे नहीं आएंगे तब तक धर्म परिवर्तन का त्रुष्टिकरण नहीं रुकेगा।त्रुष्टिकरण का काम बहुत निकट से होते हैं, हिंदुओं से दोस्ती बनाकर उनकी बहनों से उनकी बेटियों से दोस्ती बना कर इनके माध्यम से हमारे धर्म परिवर्तन होते रहते हैं। इस बात पर ध्यान देना होगा। इससे हमारा समाज संस्कार खराब हो रहा है। जब हम उनसे संपर्क करते हैं। संपर्क से दूर रहिए इस बात पर ध्यान देना होगा। हमारे सनातन को मिटाने का कुछ लोग चाहते हैं हमें इस बात पर ध्यान देना होगा। तभी हम सनातन को बचा सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि सनातन को बचाने के लिए संकल्प लीजिए कि हम सनातन को मिटाने नहीं देंगे।तभी सनातन को मिटाने वाला खुद मिट पायेगा।सनातन धर्म को बचाने के लिए हिंदू धर्म को बचाने के लिए हमें आगे आना होगा। कुछ लोगों के बारे में हमने सुना लेकिन एक कान से सुने और एक कान से भूल गए। आप लोगों से यही निवेदन है कि जीवन को सफल करने का प्रयास करें। मठ मंदिर को बचाना है अपने सनातन हिंदू धर्म को बचाना है तो आपको आगे आना पड़ेगा। आगे आने के लिए सब कुछ ढूंढना होगा पीछे। भगवान का भजन पाठ करना होगा, अब आपका समय आ गया है।

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