
अयोध्या, हनुमान गढ़ी मंदिर परिसर में श्री राम भक्तों ने भावपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस अवसर पर अपने शुभ संदेश में पूर्व प्राचार्य पं०भरत उपाध्याय ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्या धाम में श्रावण मास में सरयू स्नान एवं दर्शन, पूजन,शनिवार और मंगलवार को बलवान और शक्तिमान होने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि नदियों से ही हमारी पहचान और संस्कृति है। बता दें कि यहां पूजन का अर्थ उसकी रक्षा से है। प्रभु से प्रेम करके प्रकृति से बैर नहीं किया जा सकता है। क्योंकि प्रकृति भी उसी की है। संस्कृति और नदियों का रक्षा करना हम सब का कर्तव्य है।*इसके विपरित विचार वाले हनुमानजी के भक्तों कीआयु कम हो जाती है।*
*साथ-ही-साथ जिनको अति अभिमान होता है, जो अधिक एवं व्यर्थ का बोलते हैं उनकी आयु कम हो जाती है|*
*जो निंदा-ईर्ष्या करते है या दुर्व्यसन में फँसे हैं अथवा जो जरा-जरा बात में क्रुद्ध हो जाते हैं उनकी भी उम्र कम हो जाती है |*जो अधिक खाना खाते हैं, रात को देर से खाते हैं, बिनजरूरी खाते हैं, चलते-चलते खाते हैं, खड़े-खड़े खाते हैं उनका भी स्वास्थ्य लड़खड़ा जाता है और आयु कम हो जाती है |*
*जो मित्र, परिवार से द्रोह करते हैं, संतो, सज्जनों की निंदा करते है उनकी भी आयु कम होती है। जो ठूंस- ठूंस के खाता है, ब्रह्मचर्य का नाश करता रहता है वह जल्दी मरता है |*जो प्राणायाम और भगवद-मंत्र का जप नहीं करता उसकी लम्बी आयु होने में संदेह रहता है और जो ब्रह्मचर्य पालते हैं, प्राणायाम करते हैं उनकी आयु बढती है ।*मैं धूल हूं तेरे चरणों की,धूल ही बनाए रखिये। मैं जैसा भी हूं तेरा हूं बस अपना बनाये रखिये।। जय बजरंगबली।।*
*इस अवसर पर डॉ अशोक कुमार मिश्रा, पंडित राजेश शुक्ला , पीयूष त्रिपाठी, आकाश मिश्रा, दिनेश कुमार गुप्ता आदि हजारों दर्शनार्थी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।*